tag:blogger.com,1999:blog-3608792012387755221.post8272448293023194862..comments2023-08-05T16:27:00.042+05:30Comments on चलते -चलते...: उदारीकरण ने आम आदमी को क्या दिया?News And Insightshttp://www.blogger.com/profile/02530480097979739898noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-3608792012387755221.post-60438209225160646222011-07-28T09:46:49.369+05:302011-07-28T09:46:49.369+05:30@ आशीष जी
जैसा मैंने पहले कहा जो सरकार स्वच्छ पान...@ आशीष जी <br />जैसा मैंने पहले कहा जो सरकार स्वच्छ पानी नहीं दे सकती वो सरकार कुछ परोसकर प्लेट में देगी ये तो कोई पागल ही सोच सकता है. रही बात सरकार चुनने की तो सरकार आम आदमी ही अपने और अपनो की भलाई और देश को सही तरीके से चलाने के लिए चुनता है किन्तु वही सरकार जब आम आदमी का खून चूसती है तो आम आदमी कहा जाये. अगर उदारीकरण से 10% लोगो का फायदा हुआ भी है तो आप 90% लोगो को क्यूँ भूल जाते है. यहाँ बातAbhishekhttps://www.blogger.com/profile/14669666602026376340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3608792012387755221.post-43842573134283470782011-07-28T05:40:02.299+05:302011-07-28T05:40:02.299+05:30अपनी टिप्पणी मे एक और बात जोड़ना चाहूंगा, सरकार को...अपनी टिप्पणी मे एक और बात जोड़ना चाहूंगा, सरकार को दोष देने से पहले एक बार दक्षिण भारत और उत्तर भारत की भी तुलना कर लें। <br /><br />एक ही उदारीकरण की सरकारी निती होने के बावजूद दोनो क्षेत्रो मे इतना अंतर क्यों है? (मेरा नाम आपको बता देगा कि मै उत्तर भारतीय हूं!)<br /><br />क्यों दक्षिण भारत मे , बिजली,सड़क,पानी की बेहतर व्यवस्था है ? क्यों उद्योग धंधे दक्षिण भारत मे ज्यादा फलफूल रहे है?Ashish Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02400609284791502799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3608792012387755221.post-19513801538578360792011-07-28T05:31:31.294+05:302011-07-28T05:31:31.294+05:30@Abhishek
अभीषेक जी,
सरकार कौन है ? कौन चुनता है? ...@Abhishek<br />अभीषेक जी,<br />सरकार कौन है ? कौन चुनता है? <br />सरकार कोई भी वस्तु प्लेट मे परोस कर नही देती ? भगवान भरोसे/सरकार भरोसे रहने से कुछ नही होता!<br /><br />मै एक सरकारी स्कूल से पढ़ा हूं! हिन्दी माध्यम से!<br />आकंड़े, हकीकत मै जानता हूं, अपनी जड़ो से जुड़ा हूं, साल मे दो महीने(अपनी नौकरी से छूट्टी लेकर) उसी आदिवासी क्षेत्र मे रहता हूं!<br /><br />क्या आप १९९१ के हालात जानते है ? Ashish Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02400609284791502799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3608792012387755221.post-58098153605941458742011-07-28T00:06:35.310+05:302011-07-28T00:06:35.310+05:30आशीष जी, समय के साथ चलना हर व्यक्ति सीख जाता है ले...आशीष जी, समय के साथ चलना हर व्यक्ति सीख जाता है लेकिन समस्या है कि यहां सबकुछ उनके हाथ में नही है जो वास्तव में बढ़ना चाहता है| बेशक आप अपनी नजरों से चीजों को देखने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन ज़रा हकीकत, वास्तविकता और आंकड़ों पर भी नजर दौड़ाइये तो बेहतर होगा|News And Insightshttps://www.blogger.com/profile/02530480097979739898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3608792012387755221.post-71298418385796371592011-07-27T17:16:27.937+05:302011-07-27T17:16:27.937+05:30आम आदमी तो गन्ना की तरह है पेरा जाना ही नियति है.....आम आदमी तो गन्ना की तरह है पेरा जाना ही नियति है....<br />बढ़िया आलेख...<br />सादर...S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3608792012387755221.post-37060051507338226202011-07-27T15:07:38.803+05:302011-07-27T15:07:38.803+05:30@ आशीष श्रीवास्तव
जो सरकार 60 सालो में गरीबो को स्...@ आशीष श्रीवास्तव<br />जो सरकार 60 सालो में गरीबो को स्वच्छ पानी भी नहीं दे सकती वो और क्या कर सकती है. मेरे गॉव में आज भी बोहोत से इलाके है जहा पानी लेने के लिए मीलो जाना पड़ता है. आपको सब मिला होगा किन्तु मेरे साथ में सरकारी स्कूलों में पढने वाले सभी दोस्त आज भी बेकार है कोई किसी दुकान में काम कर रहा है कोई चाय की टपरी में काम कर रहा है. मेरे परिवार में थोडा जादा पैसा था सो बाद में उन्होंने Abhishekhttps://www.blogger.com/profile/14669666602026376340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3608792012387755221.post-67575214951744989932011-07-26T13:45:29.671+05:302011-07-26T13:45:29.671+05:30उदारीकरण ने आम आदमी को क्या दिया ?
यदि आप विदर्भ...उदारीकरण ने आम आदमी को क्या दिया ?<br /><br />यदि आप विदर्भ महाराष्ट्र के एक 'नक्सली समस्याग्रस्त जंगली आदिवासी गाँव' के एक शिक्षक के पुत्र को आम आदमी माने तो…. <br />मेरे मित्रो में से कोई बेरोजगार नहीं है! मेरे परिवार में, कुटुम्ब में कोई बेरोजगार नहीं है ! सभी के बच्चे अच्छे स्कूलों में जाते है. शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच है!<br /><br />फायदा उन्हें ही नहीं हुआ है Ashish Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02400609284791502799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3608792012387755221.post-89967801183174981202011-07-26T13:21:34.730+05:302011-07-26T13:21:34.730+05:30नीतियाँ शायद उतनी गलत नहीं होतीं उन्हें लागू करने ...नीतियाँ शायद उतनी गलत नहीं होतीं उन्हें लागू करने वाले स्वार्थ के कारण उन्हें गलत सिद्ध कर देते हैं....Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3608792012387755221.post-49018657407969886052011-07-26T10:51:13.408+05:302011-07-26T10:51:13.408+05:30जिनका चित्र दिया गया है उनके हाथ के तो कटोरे भी बि...जिनका चित्र दिया गया है उनके हाथ के तो कटोरे भी बिक चुके हैं. उदारीकरण के दस्तावेज़ के हाशिए में भी ये कहीं नहीं दिखते.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3608792012387755221.post-24043933542007279822011-07-26T06:57:14.188+05:302011-07-26T06:57:14.188+05:30शायद कटोरा हासिल हो जाए।शायद कटोरा हासिल हो जाए।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.com