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Wednesday, November 23, 2022

जीवाणुओं ने भारत में ली 13.67 लाख लोगों की जान

नई दिल्ली। 33 तरह के जीवाणुओं के रण 2019 में भारत में 13.67 लाख से अधिक लोगों की जान गई हैं। इनमें से 5 तरह के जीवाणु, ई.कोली, एस. न्यूमोनिया, के.न्यूमोनिया, एस.ऑरियस और ए.बाउमनी, में ही सबसे घातक रोगजनक पाए गए हैं। लैंसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार इन पांच जीवाणुओं के कारण होने वाले संक्रमण के कारण 2019 में भारत में 6.8 लाख से अधिक लोगों की जान गई है। जबकि 33 बैक्टीरियल इंफेक्शन ने 13.67 लाख से अधिक लोगों की जान ली है। 


ई.कोली ने ली भारत में सबसे अधिक जान

भारत में सबसे अधिक जान ई. कोली की वजह से गई है। यह बैक्टीरिया डायरिया, मूत्र पथ के संक्रमण और निमोनिया से जुड़ा हुआ है। इसने 1.6 लाख लोगों की जान ली है। लैंसेट की रिपोर्ट, ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2019, 33 प्रजातियों के बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होने वाली मौतों पर आधारित है।  संक्रमण से संबंधित मौतों के लिए जिम्मेदार अन्य सामान्य बैक्टीरिया में साल्मोनेला टाइफी, गैर-टाइफाइडल साल्मोनेला और स्यूडोमोनास एरुगिनोसा शामिल हैं।

दुनियाभर में 77 लाख मौतें बैक्टीरिया से
लैंसेट की रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक स्तर पर संक्रमण के कारण अनुमानित 1.37 करोड़ लोगों की मौत हुई है। इन मौतों में से, 77 लाख मौतें अध्ययन में शामिल 33 बैक्टीरियल इंफेक्शन से जुड़ी थीं, जिनमें पाँच बैक्टीरिया सभी मौतों के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार है। 77 लाख बैक्टीरिया से होने वाली मौतों में से 75 फीसदी से अधिक तीन सिंड्रोम के कारण हुईं हैं। इनमें निम्न श्वसन संक्रमण, रक्तप्रवाह संक्रमण और  पेट से संबंधित संक्रमण शामिल है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई) के निदेशक तथा अध्ययन के सह-लेखक डॉक्टर क्रिस्टोफर मुरे ने कहा कि पहली बार ये नए आंकड़े जीवाणु संक्रमण से उत्पन्न वैश्विक स्वास्थ्य को चुनौती के बारे में बताते हैं। 


किस बैक्टीरिया से देश में कितनी मौतें     मृत्यु दर/लाख     दुनिया में मौतें 

इशरीकिया कोली                         1.6 लाख     16.1       9.50 लाख

स्ट्रैपटोकोकस निमोनिया(एस.  निमोनिया) 1.4 लाख     14.4        8.29 लाख

क्लेबसिएला निमोनिया                 1.3 लाख     13.2         7.90 लाख

स्टेफिलोकोकस ऑरियस( एस ऑरियस) 1.2 लाख     12.8          11 लाख

एसिनेटोबैक्टर बाउमानी                 1.1 लाख      11

उम्र के हिसाब से भी अलग-अलग है मौतों का आंकड़ा 
-15 साल से ऊपर के युवाओं की मौत की सबसे बड़ी वजह एस, ऑरियस बैक्टीरिया। इनकी वजह से 9.40 लाख जानें पूरी दुनिया में गई हैं।
-5 से 14 साल की उम्र के बच्चों में सबसे ज्यादा मौतें साल्मोनेला एंटरिका सेरोवर टायफी से जुड़ी, 49,000 मौतें हुई
-नवजात शिशुओं से बड़े लेकिन 5 साल से कम उम्र के बच्चों में, एस निमोनिया सबसे घातक रोगज़नक़ था, जिसकी वजह से 225,000 मौतें हुईं
-नवजात शिशुओं की मौतों से जुड़ा रोगजनक के. निमोनिया है, 1.24 लाख मौतें हुईं

प्रमुख बातें 

-2019 में दुनियाभर में 77 लाख मौतें 33 तरह के बैक्टीरिया के कारण हुई

-कुल वैश्विक मौतों का 13.6 प्रतिशत का कारण ये 33 बैक्टीरिया 

-54.6 फीसदी मौतों के लिए पांच तरह के बैक्टीरिया जिम्मेदार

जीवाणु के कारण देश, क्षेत्र के अनुसार मृत्यु दर अलग-अलग

-सब सहारन अफ्रीका में 230 मौतें प्रति एक लाख जनसंख्या पर

-पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, एशिया में 52 मौतें प्रति एक लाख जनसंख्या पर

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