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ये रिश्तों का क़त्ल है!
“वो लोग जबरदस्ती गाडी में बैठ गए। उसके बाद सब
सामान माँगने लगे और फिर आंटी(Aunty) को बगल की गली में जाने कहा फिर मार दिया” यह
बयान है चार साल के उस बच्चे का जिसकी आँखों के सामने उसकी आंटी का पहले सामूहिक
बलात्कार किया गया, फिर हत्या कर दी गयी। खौफ और डर से परेशान चेहरे से निकली उस
बच्चे की आवाज जब कानों तक पहुँचती है तो अनायास ही मन करुणा और व्यवस्था के प्रति
आक्रोश से भर जाता है। प्रशासनिक लापरवाही का इससे बड़ा उदहारण और क्या होगा कि इस
घटना के बारह घंटे बीत जाने के बाद भी एफ आई आर दर्ज नहीं हुई थी। प्रशासन के आला
अधिकारी घटनास्थल कभी जमुई जिले के अंतर्गत बता रहे थे तो कभी लखीसराय जिले के
अंतर्गत। हत्या, लूट और बलात्कार इनमें से कोई एक घटना अगर किसी के साथ हो
जाए तो पहाड़ टूटने के सामान होता है लेकिन
यहाँ तो तीनों घटना एक ही परिवार के साथ घटी थी। मजबूर और लाचार उस व्यक्ति की
हालत क्या होगी इसकी सिर्फ़ कल्पना की जा सकती है। लेकिन सवाल है लड़ा किससे जाए झूठी सरकार से, बेशर्म प्रशासन से, समाजहित का
चोला पहने मीडिया से या रूठी किस्मत से?
बीते रविवार की देर रात जब झारखण्ड का परिवार
राजगीर के ऐतिहासिक स्थलों को देखकर वापस लौट रहा था तो उसने इस बात की कल्पना भी
नहीं की होगी कि इस ऐतिहासिक सुंदरता का बखान वह अपने परिजनों से नहीं कर पाएँगे।
उनकी गलती बस इतनी थी कि नीतीश सरकार के परिवर्तित बिहार की जो झूठी पहचान पूरे
देश में बनाई गयी है, उसकी सच्चाई से वाकिफ़ नहीं थे या कहें कि उसके झाँसे में आ
गए था। बिहार के जमुई जिला अंतर्गत जमुई-लखीसराय सड़क पर कुछ गुंडों ने जबरदस्ती
कार को रोककर झारखण्ड के एक व्यवसायी परिवार के साथ लूटपाट की और परिवार की महिला
के साथ सामूहिक बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गयी। बेबस, लाचार परिवारवाले गनपॉइंट
पर खड़े होकर इसे देखने को विवश थे। तो कानून व्यवस्था में सुधार का दावा करने वाली
पुलिस सोयी हुई थी। स्थिति की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि
सुबह जब पुलिस का एक अधिकारी अस्पताल पहुँचा तो उसने एफआईआर रिपोर्ट भी नहीं पढ़ी
थी। और घटना के चौबीस घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी बलात्कार की आधिकारिक
पुष्टि नहीं हो पायी थी। कई सवाल मुँहबाए खड़ी है, जवाब देनेवाला कोई नहीं। भुगते
वो जिसके सर पर ग़मों का पहाड़ टूटा। आज मानवता हारी नहीं, मर गयी।
स्तब्ध करने वाली यह घटना सीधे-सीधे राज्य सरकार
की विफलता और उसके झूठे दावों की पोल खोलती है। अफ़सोस यह भी है राजनीति की जो
पूँजी हमारे पास थी वह पूँजी की राजनीति में तब्द्दील हो चुकी है। आम लोग आखिर
भरोसा किसपर करें? लोकतंत्र अगर मजबूर तंत्र में तब्दील हो जाए तो अन्याय और
अत्याचार के खिलाफ़ आवाज कौन उठाएगा? जो घटना हमारी संवेदनशीलता को झकझोरती हैं और
संवेदनहीनता उजागर करती हैं उसपर समाज के हित के लिए लड़नेवाली मीडिया की चुप्पी
आश्चर्यजनक है।
मानवता, मनुष्यता, और व्यवस्था के खिलाफ आक्रोश
से भर देने वाली इस घटना की तपिश न तो प्रशासनिक तंत्र महसूस कर रहा है और न ही
लोग। मानवीय संवेदना और इंसानी रिश्ते को झकझोर कर रख देने वाली इस घटना के दर्द
को महसूस कर रहा हर व्यक्ति आज शर्मिंदा है। सवाल यह भी है कि जमुई जैसी घटना किसी
मंत्री, विधायक, सांसद या अफसर के रिश्तेदारों के साथ क्यों नहीं घटती? क्यों बार-बार
वही आम इसका शिकार होता है? मुख्यमंत्री घटना के दूसरे दिन तक रिपोर्ट मंगा रहे
हैं तो दूसरी तरफ कार्रवाई का भरोसा दिया जा रहा है। लेकिन जिस भरोसे का क़त्ल
राज्य सरकार और उसकी पुलिस ने किया उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? अपराध को रोका नहीं
जा सकता लेकिन अपराधी बेख़ौफ़ क्यों हैं? इसका जवाब कौन देगा? और सबसे बड़ा सवाल क्या
पीड़ितों को इंसाफ मिलेगा? शायद ये पूछना ही बेवकूफी है।
इस कथित हत्याकांड में एक नया मोड़ आ गया है। कहा जा रहा है कि महिला के पति ने ही एक साजिश के तहत हत्या को अंजाम दिया। इसके लिए उसने बकायदा अपराधियों को सुपारी दी थी। चचेरी साली से अवैध सम्बन्ध को हत्या का कारण बताया गया है। उक्त जानकारी लखीसराय की एसपी ने प्रेस कांफ्रेंस में दी हैं। जाँच अभी जारी है। हालाँकि लोग इसे घटना की लीपापोती बता रहे हैं। सबसे पहले ऐसा आरोप मृत महिला के भाई ने लगाया था। इस सम्बन्ध में मृतक के पति समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। महिला का नाम सुमन है। (तारीख -31/03/12)
इस कथित हत्याकांड में एक नया मोड़ आ गया है। कहा जा रहा है कि महिला के पति ने ही एक साजिश के तहत हत्या को अंजाम दिया। इसके लिए उसने बकायदा अपराधियों को सुपारी दी थी। चचेरी साली से अवैध सम्बन्ध को हत्या का कारण बताया गया है। उक्त जानकारी लखीसराय की एसपी ने प्रेस कांफ्रेंस में दी हैं। जाँच अभी जारी है। हालाँकि लोग इसे घटना की लीपापोती बता रहे हैं। सबसे पहले ऐसा आरोप मृत महिला के भाई ने लगाया था। इस सम्बन्ध में मृतक के पति समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। महिला का नाम सुमन है। (तारीख -31/03/12)
गिरिजेश कुमार