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Tuesday, November 15, 2022

चिंताजनक: दुनियाभर में 78.7 करोड़ लोगों के पास पीने का साफ पानी नहीं,1.3 अरब बिना घर के

नई दिल्ली। 
दुनियाभर में 78.7 करोड़ लोगों के पास पीने का साफ पानी नहीं है, 1.3 अरब लोग बिना घर के रह रहे हैं। ये आंकड़े न्यूयॉर्क के फोर्डहम विश्वविद्यालय की रिपोर्ट के हैं। फोर्डहम फ्रांसिस ग्लोबल पॉवर्टी स्कोर 2022 के अनुसार दुनिया की 26.2 प्रतिशत आबादी गरीबी में रहती है। यह पिछले सात सालों में, जब से रिपोर्ट तैयार की जा रही है, सबसे अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार भोजन की कमी, महिलाओं के खिलाफ अधिक भेदभाव और धार्मिक स्वतंत्रता पर व्यापक प्रतिबंधों ने दुनिया भर में गरीबी को बढ़ाया है। 

 

80 देशों के आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कोर 80 से अधिक देशों से एकत्रित डेटा का औसत है। इसमें कोई भी विकसित देश शामिल नहीं है। रिपोर्ट में आकलन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और गैर-सरकारी संगठनों के नवीनतम उपलब्ध डेटा का उपयोग किया गया है। सात पैरामीटर पर रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें चार लोगों की भौतिक जरूरतों से संबंधित हैं, जबकि तीन में शिक्षा, लैंगिंक समानता तथा धार्मिक स्वतंत्रता शामिल है। चार भौतिक जरूरतों में भोजन, पानी आवास और रोजगार शामिल है। विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक अर्थव्यवस्था और विकास में विश्वविद्यालय के स्नातक कार्यक्रम के निदेशक हेनरी श्वालबेनबर्ग ने कहा कि 2015 के बाद सात मानदंडों के तहत मापी गई गरीबी सबसे अधिक है।

 82 देशों की लिस्ट में भारत का स्थान 64वां
82 देशों की लिस्ट में सभी सात पैरामीटर पर भारत का स्थान 64वां है।  भारत का फोर्डहम फ्रांसिस इंडेक्स 0.59 है। 2020 में भारत 44 वें स्थान पर था। भारत 2021 की स्थिति के अनुसार लैंगिक समानता से वंचित टॉप 10 देशों में शामिल है। इस लिस्ट में चीन, पाकिस्तान, वियतनाम, कतर, आर्मेनिया, मालदीव अफगानिस्तान इत्यादि देश भी हैं। हालांकि भोजन, पानी, आवास व रोजगार में भारत टॉप 10 देशों में शामिल नहीं है। 

रिपोर्ट के आंकड़े -
रिपोर्ट बताता है कि स्वच्छ पानी की पहुंच में 2020 में सुधार हुआ है। लेकिन कुपोषित लोगों की संख्या बढ़ी है। इसी तरह, बिना घर वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। 

 -10.1%, 2020 में लगभग 78.7 करोड़ लोगों के पास स्वच्छ पानी नहीं मिला।
-2019 में 9.2 प्रतिशत लोग, लगभग 71 करोड़ कुपोषित थे।
-17.2 प्रतिशत लोग, लगभग 1.3 बिलियन के पास घर नहीं
-वयस्क आबादी का 13.3 प्रतिशत, लगभग 77.6 करोड़ 2020 में निरक्षर थे।
- दुनिया की श्रम शक्ति का 23.2 प्रतिशत, लगभग 80.4 करोड़ लोग बिना काम के थे।
या वे 2021 में प्रति दिन 3.20 डॉलर से कम वेतन पर काम कर रहे थे।
-दुनिया में 51.2% महिलाएं और लड़कियां ऐसे समाज में रहती हैं जहां उनके साथ लैंगिक आधार पर भेदभाव किया जाता है। दुनियाभर में 2 अरब महिलाएं ऐसी हैं।
-4.5 अरब लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता पर अलग-अलग तरीकों से प्रतिबंध लगाए गए। 


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