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Saturday, November 12, 2022

सौर ऊर्जा से छह महीने में भारत ने बचाए तेल पर खर्च होनेवाले इतने हजार करोड़ रुपए

नई दिल्ली। सौर ऊर्जा के माध्यम से भारत ने इस साल जनवरी से लेकर जून तक की पहली छमाही में ईंधन पर
खर्च होनेवाले 420 करोड़ अमेरिकी डॉलर(34 हजार करोड़ से अधिक रुपए) बचाए हैं। साथ ही भारत ने 19.4 मिलियन टन कोयले की भी बचत की है। एनर्जी थिंक टैंक एम्बर, सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर, और इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस द्वारा जारी रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में पिछले 10 सालों में सौर ऊर्जा के विकास से संबंधित विश्लेषण किया गया है। 

सबसे अधिक चीन ने बचाए
रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अधिक 34 बिलियन अमरीकी डालर की बचत चीन ने की है। वहां सौर ऊर्जा बिजली की कुल मांग का 5% पूरा करता है। इस अवधि के दौरान अतिरिक्त कोयला और गैस आयात में लगभग 21 बिलियन अमरीकी डालर बचाया गया है। चीन के बाद, जापान ने सौर ऊर्जा उत्पादन के कारण ईंधन की लागत में 5.6 बिलियन अमरीकी डालर की बचत की है। वियतनाम ने ईंधन लागत में 1.7 बिलियन अमरीकी डालर की बचत की है यहां 2018 में सौर उत्पादन लगभग शून्य टेरावाट घंटा था, जो अपने आप में एक बड़ी वृद्धि है।

सौर क्षमता वाली शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में 5 अब एशिया में
रिपोर्ट के अनुसार सौर क्षमता वाली शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में से पांच अब एशिया में हैं, जिनमें चीन, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया और वियतनाम शामिल हैं। चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, फिलीपींस और थाईलैंड सहित सात प्रमुख एशियाई देशों ने जनवरी से जून 2022 तक लगभग 34 बिलियन अमरीकी डालर की संभावित जीवाश्म ईंधन की बचत की है, जो कुल जीवाश्म ईंधन लागत के 9% के बराबर है। 

बिजली की मांग में सौर ऊर्जा का हिस्सा 11 फीसदी
वर्ष 2022 में, जनवरी से जून तक बिजली की मांग में सौर ऊर्जा का 11% हिस्सा था। थाईलैंड और फिलीपींस में बचाई गई ईंधन लागत उल्लेखनीय है। फिलीपींस केवल 1% के लोगों के लिए सौर ऊर्जा उपलब्ध कराता है लेकिन इसके बावजूद ईंधन खर्च में 78 मिलियन अमरीकी डालर की बचत की है। वहीं थाईलैंड जहां सौर ऊर्जा बिजली का केवल 2 पीसदी है, अनुमानित 209 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत की है।  इन दोनों देशों में सौर ऊर्जा का विकास धीमा रहा है। लेकिन फिर भी काफी अधिक राशि बचाई है।  

भारत में बिजली की डिमांड पिछले 10 सालों में 82 फीसदी बढ़ी है
भारत में वर्ष 2010 से 2021 तक पिछले 10 सालों में बिजली की मांग में 82 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसी अवधि में वैश्विक स्तर पर बिजली की मांग में 31.8% की वृद्धि दर्ज की गई है। एशिया के अन्य देशों में वियतनाम में सबसे अधिक वृद्धि 125 फीसदी हुई है। इसके बाद चीन में 102 फीसदी, इंडोनेशिया  में 75 फीसदी, मलेशिया में 39 फीसदी तथा थाईलैंड मे 34 फीसदी की वृद्धि हुई है। 

 

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